सोचा तो है विदाई आज मैं दिल से देती हूँ, ऐ 2020 तुम जाते जाते कुछ अच्छा कर जाना। संग ले जाना कोरोना की कडवी यादों को, दे जाना खुशियों का खजाना। ऐसा साल न आये जीवन में कभी, जिसने इंसानों को इंसानों से अलग किया। यादों में रह जाये 2020बस, गुजरे जीवन ऐसा रहें सब के सब हँस हँस। लौटाया है तूने भी बहुतकुछ जिसमें हैं नदियों का पानी,पेडों की हरियाली। बेसुध घूमते पशु पक्षी जो, ले रहे सांस होकर वनमाली। मिली है बहुत सी सीखें तुमसे, संभाले रखना प्रकृति उसे। अब और खेल न खेलना प्रभु, दे देना अब सुकून थोडी बहुत । -सविता
सोचा तो है विदाई आज मैं दिल से देती हूँ,ऐ 2020 तुम जाते जाते कुछ अच्छा कर जाना। संग ले जाना कोरोना की कडवी यादों को, दे जाना खुशियों का खजाना। ऐसा साल न आये जीवन में कभी, जिसने इंसानों को इंसानों से अलग किया। यादों में रह जाये 2020बस, गुजरे जीवन ऐसा रहें सब के सब हँस हँस। लौटाया है तूने भी बहुतकुछ जिसमें हैं नदियों का पानी,पेडों की हरियाली। बेसुध घूमते पशु पक्षी जो, ले रहे सांस होकर वनमाली। मिली है बहुत सी सीखें तुमसे, संभाले रखना प्रकृति उसे। अब और खेल न खेलना प्रभु, दे देना अब सुकून थोडी बहुत । -सविता